वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
७ अगस्त २०१६
रमण महर्षि केंद्र, दिल्ली
प्रसंग:
जो इंसान का नहीं, वही इंसान के काम का है?
हर इंसान को संसार अलग - अलग क्यों मालूम पड़ता है?
मित्र किसे कहते है?
हमारी मन इतना घायल क्यों है?
"घायल मन" घायल मन के पास ही क्यों जाना चाहता हैं?
संगीत: मिलिंद दाते